लखनऊ। शुक्रवार की शुरूआत एक आम दिन की तरह हुई थी। लोग आज भी यही सोच रहे थे कि ये कोरोना पता नहीं कब खत्म होगा और कब वो चैन की सांस ले पाएंगे। लेकिन इस बीच हमारे पड़ोसी देश में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां बहुत लोगों की जानें चली गई। आज दोपहर पाकिस्तान में एक प्लेन क्रैश हो गया। इस प्लेन में लगभग 100 लोग सवार थे। देखते ही देखते ये खबर पूरी दुनिया में फैल गयी। जिस जिस ने ये खबर सुनी उसने ये बहुत दुखद बताया। अभी फिलहाल पाकिस्तान से मरने वालों का सही आंकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन कई लोगों की मरने की आशंका बताई जा रही है।
दिल दहल जाता है जब इस घटना की हम कल्पना भी करते हैं। वो कितना भयानक क्षण होगा जब पॉयलटों को ये पता चला होगा कि प्लेन के दोनों इंजनों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके बाद उन पॉयलटों की लॉस्ट कॉल के बारे में लोगों के सामने और भी ज्यादा परेशान करता है। 1 मिनट में कंट्रोल रूम से संपर्क टूटा और दूसरे ही पल ये प्लेन अपना बैलेंस खो क्रैश हो गया।
इंसानियत के चश्मे से
कोरोना का समय था, ये कुछ स्पेशल फ्लाइट चलाई गई थी ईद के मद्देनजर, किसी को क्या पता था की इस बार ईद का ये सफर उनकी जिंदगी आखिरी सफर होने जा रहा है। वैसे तो हमारे पाकिस्तान से कोई रिस्ते नहीं हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं हमें इंसानियत के नजरिये से देखनी होती हैं। भले ही हम लोग सरहदों में बंटे हो, लेकिन हम हैं तो इंसान ही। पूरे भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने इस घटना को लेकर दु:ख व्क्त किया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना लेकर दु:ख व्यक्त किया।
अब आते हैं उस बात पर जिस वजह से मैं ये आर्टिकल लिख रहा हूं। जब ये घटना हुई तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा। लोग मृतकों के परिवार वालों के लिए संवेदनाएं प्रकट कर रहे थे। लेकिन उन्हीं लोगों में से कुछ ऐसे लोग भी थे। जो इस घटना को भी पाकिस्तान और हिंदुस्तान के तराजू पर तौल रह थे। मैं उस तबके के लोगों से कहूंगा कि सभी जाति धर्मों से ऊपर उठकर इंसानियत है। पाकिस्तानियों ने भले ही भारत में हुई घटनाओं का कई बार मजाक बनाया हो लेकिन हमारी आंखे उस वक्त भी नम हुई थी जिस वक्त पाकिस्तान के स्कूल में आतंकी हमला हुआ था और आज भी क्योंकि हम कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हमारे संस्कार नहीं कहते कि जब इंसानियत खतरे में हो तो हम उनको उसी नजरिये से देखें। आज इस पूरी दुनिया को बदलने की जरूरत है। जानें अंजाने में ये प्रकृति भी हमें अपने आपको बदलने का संदेश दे रही है। हमें समय रहते हुए बदलना होगा वरना बहुत देर हो जाएगी।